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मई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

28/4/23

          हेलो दोस़तो !!!आज बहुत दिनो के बाद मै लिख रही हू । आज मै आज मैं जब बाहर निकली तो देखा मैदान में बच्चे खुश़ी से चिल्ला रहे हैं और आसमान की तरफ देख रहे हैं । आसमान में सूरज के चारों तरफ बहुत ही खूबसूरत कई रंगों का गोला बना हुआ था और बीच में सूरज छोटा सा नजर आ रहा था । यह दृश्य बहुत ही सुंदर लग रहा था । बच्चे देखकर ताली बजा रहे थे और दूसरों को भी दिखा रहे थे । दरअसल यह क्रिया सन हेलो कहलाती है । वातावरण में पानी मौजूद है और उस पर जब सूरज की किरणें पड़ती है तो इस तरह की क्रिया आमतौर पर होती रहती है लेकिन नजर नहीं आती । आज जुम्मे का दिन था और सब लोग नहा धो के नमाज की तैयारी कर रहे थे और इतना खूबसूरत नजारा देखने को मिला ‌ यह एक खगोलीय घटना है जिसमें वातावरण मे मौजूद पानी पर प्रकाश पड़ता है और यह  खगोलीय घटना होती है लेकिन देखने में यह बहुत अधिक सुंदर लग रही थी  ।मैंने भी खूब देखा और सारे लोगों ने खूब शेयर किया । पूरे व्हाट्सएप और फेसबुक पर इस दुर्लभ घटना का चित्रण किया गया । आकाश में सूर्य के चारों तरफ इस तरह गोला बनने को की घटना का वर्णन तुलसीदास ने अपनी रामायण में किया है और इस त

01/06/21

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 दोस्तों !!!! कोविड के कठिन समय में घर का काम बहुत बढ़ गया था । बाहर से जो भी चीज़  आती ,उनको हम लोग अपने लान में 3 दिन तक कोरनटाइन करके तब फिर घर के अंदर लाते थे । ‌सब्जियां बाहर ही धो दी जाती थी फिर उसको फ्रिज में रखा जाता था । सफ़ाई का अत्यंत ध्यान रखा जा रहा था । हर काम में सावधानी बरती जा रही थी । कोविड-19 ने मास्क का प्रचलन बढ़ा दिया था।  लोगों को अपनी-अपनी सुरक्षा के लिए मास्क  लगाना आवश्यक हो गया था । मास्क ना लगाने पर फाइन भी लगाया गया था । कोरोना वायरस से संक्रमण को खत्म करने के लिए सैनिटाइजर का उपयोग बहुत बढ़ गया था। इस बीमारी में मास्क , सैनिटाइजर,क्वारनटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्दों का प्रचलन बढ़ा दिया था ।  डॉक्टर साहबान को एक नई पोशाक दी गई जो उन्हें हर से लेकर पैर तक पहननी होती ।यह पोशाक उनकी सुरक्षा के लिए दी गई थी। लोग एक दूसरे से मिलने में सावधानी बरतने लगे थे । दो इंसानों के बीच 2 गज की दूरी आवश्यक हो गई थी । हमारे घर में हमारे भैया 6 लीटर 👀👲 सैनिटाइजर लाकर रख दिए थे ‌और घर आकर और बाहर जाते   समय  सनैटाइजर अपने हाथों और कपड़ों पर लगाते थे  । सब बहुत भयभीत थे

27/05/21

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मेरी कजिन रूही का इंतकाल अप्रैल को हुआ रमज़ान का पहला अशरा था । रमज़ान का पहला अशरा  रहमत  का होता है । इस अशरे में अल्लाह ताला की रहमत बरसती है। दोस्तों अशरा अरबी लफ्ज़ है जिसका मतलब होता है 10 । उनके बच्चे ,उनका परिवार और बहन का रो - रो कर बुरा हाल था। उनके जवान शौहर तन्हा हो गए ‌‌।उन्होंने अपनी बड़ी बेटी जो कि एक डॉक्टर है उसका रिश्ता तय कर दिया था। कुछ दिनों पहले उन्होंने उसकी सगाई की थी । उनकी मौत से एक सूनापन पैदा हो गया है वह अक्सर मुझे फ़ोन करती थी और मुझसे मिलने आती रहती थी ।अब मुझसे फ़ोन पर कौन बात करेगा ?कौन मुझे मिलने आएगा? इनना लिललाहे  वइननहु अला राजेयऊन !!!!  उनकी मौत से दिल अभी तक रो रहा है । सब कुछ आंखों के सामने हुआ ।सब कुछ पता चला, लेकिन दिल मानने को तैयार नहीं है । उनका हंसता मुस्कुराता ख़ूबसूरत चेहरा अभी भी आंखों के सामने आता है । लगता है कोई कह दे कि यह सब झूठ  है  । कोविड-19 की वजह से मैं उनके जनाजे में भी शामिल नहीं हो पाई । इसलिए मुझे और दुख हुआ । इतनी चाहने वाली बहन का आख़री दीदार भी मुझे नसीब नही हुआ  । दिल बहुत बेचैन रहता है ।लेकिन अब वो कभी नहीं लौटेगी । अब

26/05/21

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 10 रमजान को मेरी खलेरी बहन रूही का इंतकाल हो गया ।अस्पताल में उनकी मृत्यु  हुई । डॉक्टर ने उनकी लाश को प्लास्टिक किट में पैक करके भेजा ।  डॉक्टर ने उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया था । ऑक्सीजन की कमी हो गई थी ।वह सांस नहीं ले पा रही थी और इसी वजह से उनकी मृत्यु हो गई । वह बहुत ही खूबसूरत थी और दिल की भी बहुत ज्यादा अच्छी थी । उनके दो लड़कियां और एक बहुत ही छोटा बेटा है । एकदम जवान मौत हुई ।दिल रो उठा । एक बसा बसाया घर बर्बाद हो गया । दोस्तों आप सब जानते हैं कि रमज़ान का महीना 30 दिनों का होता है । 10 दिन  का एक अशरा होता है। पहला अशरा रहमत का ,दूसरा मगफिरत का और तीसरा जहन्नुम की आग आग से आजादी का। ऐसा अकीदा हैं कि जिसकी मौत रमजान के महीने में हो जाती है ।वह बगैर हिसाब किताब के जन्नत में दाखिल होगा ।मेरी बहन की शक्ल जितनी अच्छी थी किस्मत भी इतनी अच्छी थी। उनको इतनी अच्छी मौत नसीब हुई । जब कोई इंसान महामारी में मर  जाता है तो इस्लामिक कंसेप्ट के हिसाब से ऐसा मानते हैं कि उसकी मौत शहीदों की तरह हुई । अल्लाह ताला उनकी मगफिरत करें। आमीन।।। ------------------------------------------------------

21/5/21

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 कोरोनावायरस ने अपना प्रचंड रूप धारण कर रखा हुआ है ।चारों तरफ से मौतों ही मौतों की ख़बर आ रही है । कब्र खोदने वालों के मुंह से ख़ून निकल रहा है। जलाने के लिए लकड़ियां  ख़त्म हो गई । हैं लोग परेशान हो गए हैं । मजबूर होकर लोगों ने संक्रमित लोगों की लाशों को दरिया में डालना शुरू कर दिया है कुछ देर बाद  जब  लाशें दरिया के किनारे लग रही है, तो उस क्षेत्र में उनकी बदबू फैल रही है।  संक्रमित शवों को कव्वे तथा कुत्ते आदि पक्षी और  दूसरे जानवर घसीट कर खा रहे हैं। जिससे संक्रमण फैलने का ख़तरा और बढ़ गया है। जिसकी जगह- जगह से लोग शिकायत कर रहे हैं। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और लोगों को भी मिलकर इस तरफ ठोस  क़दम उठाना चाहिए । जिससे और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। ____________________________________________ English Translation: Corona virus is keeping its fierce form. There is news of deaths from all the four sides. Blood is coming out from the mouth of the grave diggers. The woods are not sufficient for the descrimination of the bodies. People have become upset and helpless . Forced

20/5/21

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  फिर सेवा में आगे आया राधास्वामी संगठन। फेसबुक पर यह लाइन पढ़कर दिल को बहुत सुकून मिला इस समय बहुत ही कठिन समय चल रहा है कोविड-19 है ।दूसरी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही है। बेरोज़गरी की भरमार है। ‌लोग भयभीत हैं और घरों में कैद रहने पर मजबूर हैं । ऐसे कठिन समय में  डॉक्टर और सामाजिक संस्थाएं मदद करने में आगे बढ़ रही हैं। वैक्सीन आ गई  है । 18 से 44 वर्ष के लोगों में  वैक्सीन को लेकर अत्यधिक उत्साह है।  हमारे देश के बुद्धिजीवी इस अवस्था को मार्मिक अभिव्यक्ति कर रहे हैं तो कहीं कहीं-कहीं हास्यास्पद स्थिति के दृश्य भी देखने  को मिल रहे हैं। लोग सरकार को इस अवस्था का जिम्मेदार मान रहे हैं। लेकिन इस तरह से एक दूसरे पर लांछन लगाने से और इल्जाम लगाने से मसला हल नहीं होगा। हमें ठोस कदम उठाना होगा। कुछ भी हो हमें इंसानियत को बचाना है । https://mydailyroutinedigital.blogspot.com/?m=1 __________________________________ English Translation Once again the Radhaswami organization came forward in service the service of humanity. Heart was relieved by reading this line on Facebook. covid-19 is

18/05/21 bbhai

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 हेलो दोस्तों !!!उम्मीद है कि आप सब ठीक से होंगे ।आज रमजान  के सारे रोजे मुकम्मल हो गए हैं । ईद का चांद नहीं दिखाई दिया है । सुन्नत जमात के शहर काजी ने चांद की तस्दीक कर दी है । लिहाजा एक तबका मुसलमानों का तेरह मई को ईद मनाएगा । शहर काजी ने लोगों से कोविड-19 की वजह से अपने घरों में ही नमाज़-ए- ईद की पढ़ने की अपील की है । ज्यादातर मुसलमानों ने गवर्नमेंट के कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन किया है ।सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है। इस साल मेरे घर में ईद की खुशी फीकी रही है है ।मेरी अम्मी का इंतकाल हुआ था १० जनवरी को जिसकी वजह से घर में सेवईं नहीं बने गी । आज के दिन मैं ने अपनी मां को बहुत ज़्यादा याद किया ‌। काफी देर  तक हम लोग एक दूसरे को फोन करके पता करते रहे कि कल ईद होगी या नहीं । ज्यादातर लोगों ने यही कहा कि हम लोग ईद नहीं मनाएंगे  लेकिन , हम लोग जिस मसलक के मानने वाले हैं उन्होंने ईद की नमाज पढ़ाई ।तब हम लोग भी नहा धोकर तैयार हो गए ।अच्छे कपड़े पहने और सब ने घर में ही ईद की नमाज अदा करी। कोविड की वजह से सब घर में ही थे ।चारों तरफ सन्नाटा था।  कोई  भी आ जा नहीं रहा था ।

15/5/21

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  हेलो दोस्तों !!!!!!उम्मीद करती हूं कि आप सब खैरियत से होंगे  । जैसा कि आप सब जानते हैं कि  रमज़ान का मुकद्दस महीना चल रहा हैै। साथ में ही कोरोनावायरस डिजीज का कहर भी चल रहा है। लोग चारों तरफ मारे जा रहे हैं। लॉकडाउन गवर्नमेंट ने लगाया हुआ है। कोरोनावायरस बीमारी के डाइग्नोसिस होने पर व्यक्ति को १४ दिनों तक लगातार कोरनटाइन किया जा रहा है।बीमारी में कोई कमी नहीं आ रही है । डॉक्टर और दूसरे जराय अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि लोगों की जान को बचा सके ।लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और ऑक्सीजन की कमी की वजह से उनकी मौत हो जा रही है ।यह भी खबर है कि इन सब की वजह 5G नेटवर्क की टेस्टिंग है ।जो भी वजह हो अल्लाह ताला लोगों को इस अज़ाब से बचाए और उनकी ज़िंदगी की  हिफाज़त करें।। जानी-मानी अभिनेत्री जूही चावला जोकि एक एनवायरनमेंट ऐक्टिविस्ट भी है ने 5जी नेटवर्क के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी ।लेकिन उनकी याचिका को रद्द कर दिया गया और उनके खिलाफ जुर्माना भी लगाया गया । इंटरनेट सोशल मीडिया न्यूज़ पेपर में 5G नेटवर्किंग का बहुत ही सपोर्ट हो रहा है । समाचार पत्र और मीडिया 5G नेटवर्किंग का ग

9/5/21

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 रमज़ान मुबारक का  बरकत वाला महीना है।आज 27 रोज़ा है। आज की रात shab-e-qadr हैं । शाम से ही मौसम बहुत सुहावना है। एक रूहानी कैफियत फिज़ा में तारी है ।हवा ठंडी ठंडी है । मौसम बहुत खुशगवार है । आसमान  में तारे और चांद खूब चमक रहें हैं।पता नहीं क्यों दिल को बहुत सुकून लग रहा है ।अल्लाह ताला हम सब की हिफ़ाज़त फरमाए  कोरोनावायरस से और हमारी-आपकी जायज़ जरूरत और दुआओं को पूरा करे।। 27वी रमजान के आखिरी अशरे में आती है । रमजान का अखरी अशरा जहन्नुम से आजादी का है । अल्लाह ताला का वादा है कि जो शख्स आखिरी अशरे में अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगेगा अल्लाह ताला उसे जरूर माफ करेंगे । तो  इस आख़री अशरे में आप अपने लिए , अपने मां-बाप के लिए और जिनको भी आप चाहते हैं सबकी गुनाहों की माफी मांगे और अल्लाह से दुआ करिए कि आप को जहन्नम की आग  से निजात दे और हम सब को जन्नत में दाखिल करें क्योंकि हमारा आखिरी ठिकानाना मौत के बाद  का ही है ।   हम सब जानते हैं कि हमको अपने आमाल के मुताबिक हीअल्लाहताला आखिरत में जगह देंगे  । दोस्तों हम इंसान हैं , हमसे हर पल  , हर लम्हा , हर क्षण गुनाह होते हैं । कुछ गुनाह हम

7/5/21

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 मेरी मां स्वर्गवासी हो गई थी। मेरी जिंदगी तन्हाई और बेबसी का शिकार हो गई थी।मै हर वक्त उनके साथ रहती थी । मुझे उनकी बहुत ज़्यादा याद आती है । मैं उनके साथ एक ही कमरे में रहती थी । हर वक्त मेरी नज़र उनके ऊपर रहती थी । हर वक्त वह मुझे दिखाई देती थी ‌। टाइम से उनको खाना देना, पानी पिलाना , दवा देना ,उसके बाद में फिर मैं स्वयं खाना खाती  ‌। मुझे यह सारी बातें बहुत याद आती है। कि लगता है मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी।  दोस्तों एक सबसे बड़ी बात जो मुझे बहुत पसंद थी । अब जिसे मैं कभी भी नहीं कर पाऊंगी। हर   रोज़ रात में सब काम करके मैं अपनी मां के पैरों पर अपना सर रख कर दुआ करती थी कि परवरदिगार मेरी सारी परेशानियों को दूर कर दे । मुझे अच्छा भविष्य दे । देखिए मेरा रब कब सुनता है मेरी।  कहते हैं कि मां के पैरों को पकड़कर मांगी हुई दुआ ऊपर वाला कभी भी रद्द नहीं करता है ।  मुझे भी यह यकीन है कि एक दिन मेरे हालात बदलेंगे ।मेरे सामने भी अच्छा भविष्य होगा इंशाल्लाह। मैं आप लोगों को से भी यह इल्तेजा करना चाहूंगी कि अगर आप परेशान हैं तो अपनी मां के कदमों में सर रखकर दुआ करें । इंशा अल्लाह ताला आपकी सार