28/4/23

          हेलो दोस़तो !!!आज बहुत दिनो के बाद मै लिख रही हू । आज मै आज मैं जब बाहर निकली तो देखा मैदान में बच्चे खुश़ी से चिल्ला रहे हैं और आसमान की तरफ देख रहे हैं । आसमान में सूरज के चारों तरफ बहुत ही खूबसूरत कई रंगों का गोला बना हुआ था और बीच में सूरज छोटा सा नजर आ रहा था । यह दृश्य बहुत ही सुंदर लग रहा था । बच्चे देखकर ताली बजा रहे थे और दूसरों को भी दिखा रहे थे । दरअसल यह क्रिया सन हेलो कहलाती है । वातावरण में पानी मौजूद है और उस पर जब सूरज की किरणें पड़ती है तो इस तरह की क्रिया आमतौर पर होती रहती है लेकिन नजर नहीं आती । आज जुम्मे का दिन था और सब लोग नहा धो के नमाज की तैयारी कर रहे थे और इतना खूबसूरत नजारा देखने को मिला ‌ यह एक खगोलीय घटना है जिसमें वातावरण मे मौजूद पानी पर प्रकाश पड़ता है और यह  खगोलीय घटना होती है लेकिन देखने में यह बहुत अधिक सुंदर लग रही थी  ।मैंने भी खूब देखा और सारे लोगों ने खूब शेयर किया । पूरे व्हाट्सएप और फेसबुक पर इस दुर्लभ घटना का चित्रण किया गया । आकाश में सूर्य के चारों तरफ इस तरह गोला बनने को की घटना का वर्णन तुलसीदास ने अपनी रामायण में किया है और इस त

20/5/21

  फिर सेवा में आगे आया राधास्वामी संगठन। फेसबुक पर यह लाइन पढ़कर दिल को बहुत सुकून मिला इस समय बहुत ही कठिन समय चल रहा है कोविड-19 है ।दूसरी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही है। बेरोज़गरी की भरमार है। ‌लोग भयभीत हैं और घरों में कैद रहने पर मजबूर हैं ।

ऐसे कठिन समय में  डॉक्टर और सामाजिक संस्थाएं मदद करने में आगे बढ़ रही हैं। वैक्सीन आ गई  है । 18 से 44 वर्ष के लोगों में  वैक्सीन को लेकर अत्यधिक उत्साह है।

 हमारे देश के बुद्धिजीवी इस अवस्था को मार्मिक अभिव्यक्ति कर रहे हैं तो कहीं कहीं-कहीं हास्यास्पद स्थिति के दृश्य भी देखने  को मिल रहे हैं। लोग सरकार को इस अवस्था का जिम्मेदार मान रहे हैं। लेकिन इस तरह से एक दूसरे पर लांछन लगाने से और इल्जाम लगाने से मसला हल नहीं होगा। हमें ठोस कदम उठाना होगा। कुछ भी हो हमें इंसानियत को बचाना है ।















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English Translation

Once again the Radhaswami organization came forward in service the service of humanity. Heart was relieved by reading this line on Facebook. covid-19 is going on .A very difficult time has arrived. . Other diseases are also bothering people. There is a lot of unemployment. People are afraid and are forced to remain imprisoned in their homes.

 In such difficult times doctors and social organizations are moving forward to help. The vaccine has arrived. People between 18 and 44 years of age have a great enthusiasm for the vaccine. 

Intellectuals of our country are making this state a poignant expression, and at some places, scenes of humour and satire are also being seen. People are considering the government as responsible for this stage. But in this way, blaming each other and blaming it will not solve the issue. We have to take concrete steps. Whatever it is, we have to save humanity.




                 
                  
















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