*हेलो दोस्तों !!!! आज मैं आप लोगों को दो दोस्तों की एक कहानी सुनाऊं गी ।यह दोस्त मेरे फादर और उनके एक दोस्त की कहानी है जो कि चाइल्ड स्पेशलिस्ट है । मेरे फादर की तो मृत्यु हो चुकी है लेकिन उनके दोस्त अभी भी जीवित हैं ।लेकिन वह बहुत बीमार हैं । एक तरफ उनको फालिज का असर हो गया है अब वह क्या बोलते हैं यह समझ में नहीं आता । उनकी जबान एकदम लड़खड़ाती है । लेकिन दिमाग बहुत सही है ।सब कुछ समझते हैं बोलते हैं ।*
किसी से रिश्ता बनाना आम बात है । दुनिया में हर इंसान ही दोस्ती शादी ब्याह और दूसरे जैसे रिश्ते एक दूसरे के साथ समाज में बनाता है लेकिन किसी भी रिश्ते को पूरी उम्र निभा देना बहुत बड़ी बात होती है । मेरे पिताजी और उनके दोस्त की दोस्ती ऐसी है कि लोग मिसाल देते हैं दोस्ती हो तो ऐसी एक की मृत्यु हो गई है लेकिन दूसरा जीवन की जीर्ण और शीर्ण हालत में भी दूसरे मित्र के परिवार की फिकर रखता है उसके बारे में पूछता रहता है । अपने परिवार की तरह समझता है ईश्वर इस तरह की मित्रता और इस तरह का मित्र सभी को दें ।
एक बार की बात है अंकल में और उनकी पत्नी में झगड़ा हो गया । बहुत ज्यादा बात बढ़ गई । आंटी लखनऊ की थी और अंकल इलाहाबाद में सर्किट हाउस के पास रहते थे । बहुत खूबसूरत घर था अंकल का । बात इतनी बढ़ गई किआंटी ने निश्चय कर लिया कि वह अपने मायके लखनऊ चली जाएंगी अंकल को छोड़कर लेकिन फिर पता नहीं क्या हुआ कि वह मेरे पिताजी के पास उनके ऑफिस में पहुंची। मेरे पिता से सारी बात बता कर वह खूब रोई और शिकायत करी कि आपके दोस्त ने मेरे साथ झगड़ा किया है और मुझे घर से निकाल दिया है । पिताजी ने उनकी सारी बात सुनी और अपनी बाइक पर बैठाकर वह हमारे घर आंटी को ले आए आंटी रही फिर उनको खूब समझाया और फिर लेकर वापस उनके मित्र के पास गए और फिर दोनों में समझौता कराया ।बहुत दिन गुजरने के बाद भी आंटी हमेशा याद रखती हैं कि उन्होंने मेरा घर टूटने से बचा लिया।
आज के आधुनिक दौर में जबकि स्त्री पुरुष एक-दूसरे के साथ आसानी से मिल रहे हैं । संबंध रख रहे हैं तब भी किसी मित्र की पत्नी इस तरह अकेले जाकर इतने विश्वास से अपने पति के मित्र के साथ अपनी समस्या नहीं बता सकती ।लेकिन आज से 50 साल पहले मेरे पिताजी और उनके मित्र के बीच और उनकी पत्नी के बीच इतना विश्वास और प्यार था कि वह अपने भाई की तरह उनके मित्र को समझती थी और अपनी समस्या बताती थी । और दोनों मित्र एक दूसरे की बात को अपने दिल में रख कर अपनी इज्जत मान कर उस समस्या का समाधान भी कर देते थे ।किसी को कानों कान पता नहीं चलता था
आज मेरे पिताजी का भी मृत्यु हो चुकी है ।मेरी माता की भी मृत्यु हो गई है मेरे पिताजी के दोस्त की पत्नी की यानी मेरी आंटी की भी मृत्यु हो चुकी है दोनों परिवार में उनके बच्चे हैं और सब बच्चों के भी बच्चे हैं ।अब खाली अंकल बचे हैं और उनकी भी तबीयत बहुत खराब रहती है ईश्वर उनको आराम दे और कि जिंदगी लंबी कर दे। ऐसे फरिश्ते की तरह लोग अब इस दुनिया में दिखाई नहीं देते जो मोहब्बत और राहत का नमूना हो ।
दोस्ती निभाने के तीन नियम कौन से होते हैं ??
१ * विश्वास
हमने जिस से मित्रता की है उसके ऊपर पूर्ण रुप से विश्वास करना चाहिए कभी भी अपने मित्र की किसी भी बात में संदेह नहीं करना चाहिए अगर जरा सा भी विश्वास डगमगा या तो हमारे रिश्ते का अंत हो जाएगा किसी भी रिश्ते का आधार स्तंभ होता है विश्वास अतः हमें अपने मित्र में हमेशा विश्वास रखना चाहिए।
२ * साथ
मित्रता निभाने का दूसरा नियम है साथ देना । हमने जिस से मित्रता की है उसका हमेशा हमेशा-हमेशा साथ देना चाहिए । सदैव उसकी सहायता और साथ के लिए तत्पर होना चाहिए ।अगर मित्र गलत राह पर भी जा रहा है तो उसके साथ रहकर उसका मार्ग दर्शक बनकर उसको सही राह दिखाना चाहिए । लेकिन किसी भी समय उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए । अपने मित्र का की सहायता एवं साथ सदैव देना चाहिए ।
३ * उपस्थिति
अपने मित्र की किसी भी समय दूसरे मित्र की आवश्यकता होने पर उस मित्र को अपनी मित्र की सहायता के लिए सदैव उपस्थित होना चाहिए। अगर मित्र को उसकी आवश्यकता है तो उसकी आवश्यकता के अनुसार उसका साथ देना चाहिए एवं उसकी आवश्यकता को पूरा करना चाहिए। सुमित्रा नहीं हो सकता जो आवश्यकता पड़ने पर अपने मित्र का साथ ना दे और मुकर जाए। सच्चा मित्र हमेशा अपने मित्र की आवश्यकता को बिना कहे ही समझ लेता है और उसको पूरा करने में अपनी जान तक निछावर करने को तैयार रहता है।
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English Translation:
Hello Friends !!!! Today I will tell you a story of two friends. This friend is the story of my father and his friend who is a child specialist. My father is dead but his friends are still alive. But he is very ill. On one hand he has got the effect of fallacy, now what he says is not understood. His tongue falters. But the mind is very right. Understand everything and speak
It is normal to have a relationship with someone. Every person in the world makes relationships like friendship, marriage, marriage and other relationships with each other in the society, but it is a big deal to keep any relationship for the whole life. The friendship of my father and his friend is such that people give an example, if there is friendship, then it should be like both of them . Now one person has died, but the other cares about the other friend's family even in the dilapidated and degraded condition of life, keeps asking about his friends family . He cares Like his family, thinks . I wish that God should give this kind of friendship and this kind of friend to everyone.
Once upon a time there was a fight between Uncle and his wife. Too much talk went on. Auntie was from Lucknow and Uncle lived near Circuit House in Allahabad. Uncle's house was very beautiful. The matter increased so much that Auntie decided that she would go to her maternal home in Lucknow, leaving Uncle but then did not know what happened that she reached my father in his office. She cried a lot after telling everything to my father and complained that your friend has quarreled with me and thrown me out of the house. Father listened to all of them and on his bike, he brought Aunty to our house, then he explained a lot to her and then went back to his friend and then made a compromise between the two. Even after many days, Aunty always remembers. That he saved my house from breaking down.
In today's modern era, men and women are getting along easily with each other. Even if we are having a relationship, a friend's wife cannot go alone like this and share her problem with her husband's friend with so much confidence. But 50 years ago from today , between my father and his friend, and between his wife, there is so much trust and Love was that she understood her husband's friend like her brother and told her problem. And by keeping each other's words in their hearts, considering their respect, they used to solve that problem too. Without knowing anyone .
My father has also died. My mother has also died. My father's friend's wife i.e. my aunt has also died. Uncle is left and his health is also very bad, God bless him and make his life long. People like such an angel are no longer seen in this world, which is a model of love and relief.
What are the three rules of friendship??
1 * Trust
A little bit of trust will stagger or our relationship will end, trust is the pillar of any relationship, so we should always have faith in our friend.
2 * support
The second rule of friendship is to support. We should always support the one with whom we have befriended. One should always be ready for his help and support. Even if a friend is going on the wrong path, then staying with him should be his guide and show him the right path. But at no point should he leave her side. You should always give the help and support of your friend.
3 * Presence
When your friend needs another friend at any time, that friend should always be present to help his friend. If a friend needs him, then he should support him according to his need and fulfill his need. There cannot be a friend who does not support her friend when needed and turns away. A true friend always understands the need of his friend without saying anything and is ready to lay down his life to fulfill it.
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