दोस्तों मैं मौत एक ऐसी अटल हकीकत है जिससे कोई भी इनकार नहीं कर सकता ना कोई इससे बच सकता है । एक न एक दिन हर जीवित को मौत का मजा चखना है । यह ऐसी हकीकत है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता ।हम सब घर में ऐसे ही इस सच्चाई पर बात कर रहे थे ।ऐसे ही हमारी बहन रूही की बात निकली जिनका रमजान के महीने में कोरोनावायरस डिजीज होने की वजह से इंतकाल हो गया था। बहुत नेक औरत थी वह । उनकी मृत्यु के समय ऐसा हाल था कि जब उनके शौहर उनकी डेड बॉडी को लेकर घर आए ,कोई भी उनको छूने को तैयार नहीं था । कोई भी उनके पास बैठने को तैयार नहीं था । कोविड की वजह से मौतें बहुत अधिक हो रही थी और कब्र खोदने वाला कोई नहीं मिल रहा था । इसलिए मय्यत को दफनाने में बहुत देर लगी ।घर के लोग भी दूसरी मंजिल पर चल गए थे ।सब ने 2-2 मास्क और 2-2 दस्ताने पहन रखे थे ।मौत के एहसास का खौफ था ,कोई भी उनके पास जाने को तैयार नहीं था ।आखिर में फजिर नमाज पढ़ने के बाद उनको किसी तरह ले जाकर दफनाया गया ।
दोस्तों इस कोविड-19 के काल में हमारी बहन रूही और हमारे एक दादा, उनकी पत्नी की मृत्यु हुई और हमारी एक मोआनी थी उनकी भी मौत हुई । यह चारों लोग हम लोगों का बहुत अच्छे से खयाल रखने वाले लोगों में से थे ।हमेशा हमारा भला चाहते थे लेकिन खुदा का करिश्मा देखो इनकी मृत्यु होने पर ऐसे समय था कि हम सब उनके पास जा भी ना सके। बस दिल मसोस कर रह गए ।अल्लाह ताला ने उनको अपने पास बुला लिया । उन लोगों को अल्लाह ताला उनकी नेक कामों की इनाम दे ।
मेरी मुआनी तो इतनी अच्छी कि हर छोटी बड़ी चीज मुझे बताती थी । बाजार से कपड़े लाती तो वह भी दिखाती। जेवर और गहने बनवाती तो भी दिखाती बताती थी कि देखो कैसी है ?? हर चीज दिखा कर खुश होती थीं और मेरी भी हर चीज देखती थी। मार्केट घर, खाने की चीजें, हर बात शेयर करती थी।
उन्होंने हमेशा मुझे प्यार और मोहब्बत दी है । मेरे वक्त पर काम आई, लेकिन मेरी तकदीर में उनका आखिरी दीदार भी नहीं लिखा था। मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सकी और वह इस दुनिया से बहुत ही खामोशी के साथ दूसरी दुनिया में चली हमेशा के लिए ।
दोस्तों मौत एक हकीकत है और ऊपर वाले ने हर किसी के लिए एक दिन मुकर्रर कर दिया है कि उसको उस दिन दुनिया से जाना ही जाना है, फिर कोई कुछ नहीं कर सकता कोई भी तदवीर उस वक्त कारगर नहीं होगी इस हकीकत को जानते हुए भी हम यही समझते हैं कि हम हमेशा जिंदा रहेंगे लेकिन एक दिन समय पर सबको जाना ही है एवं इस हकीकत को जानते हैं तो हम को मुसीबत में पड़े लोग के आखिरी समय में उनकी मदद करना चाहिए उन्हें बेयार -व - बेमददगार नहीं छोड़ना चाहिए।
दोस्तों कहते हैं कि जब इंसान का दम निकलता है तो शुरुआत दम निकलने की सबसे पहले पैरों से होती है ताकि इंसान भाग ना सके और सबसे आखिर में दम आंखों से निकलता है ताकि इंसान अपनी रूह को जाते हुए देख सके अपनी बेबसी को महसूस कर सके।
अल्लाह ताला के हुक्म से मलकुल मौत आते हैं और इंसान की रूह को उसके बदन से निकाल कर ले जाते हैं । कहते हैं कि उस वक्त इंसान को बहुत ज्यादा तकलीफ होती है। इस्लाम धर्म के अनुसार अल्लाह ताला ने हजरत इसराइल अलैहिस्सलाम को हर बंदे की रूह को कब्ज करने का हुक्म दे रखा है। कहते हैं कि रुही निकलने पर इनसान को बहुत ज़्यादा तकलीफ होती है।अल्लाह ताला हम सब की मौत की मंजिल को आसान कर दे। जब हमारा दम निकले तो हमें शैतान वहका ना सके और आखिरी वक्त में हमारी ज़बान से कलमा निकले । हमारी हर बात ,हर गुनाह को अल्लाह ताला बख्श दे और हमें जन्नत में जगह दे हमें अजाब-ए- कब्र से बचाए ।आमीन!!!!
(This picture is taken from facebook.)
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English Translation:
Friends, death is such an irrevocable reality that no one can deny it and no one can avoid it. One day every living being has to taste death. This is such a fact that cannot be denied. We were all talking about this truth at home. So did our sister Roohi, who passed away in the month of Ramzan due to coronavirus disease. She was a very kind woman. Her death was such that when her husband came home with her dead body, no one was ready to touch her. No one was ready to sit beside her. The deaths due to covid-19 were getting very high and no one to dig the grave was being found. That's why it took a long time to bury Mayyat. The people of the house had also gone to the second floor. Everyone was wearing 2-2 masks and 2-2 gloves. There was a fear of death, no one is ready to go near them. In the end, after praying the fajir namaz, she was somehow taken away and buried.
Friends, during this covid-19 period, our sister Roohi and one of our grandfathers, his wife died and we had a Moani, she also died. These four people were among the people who took very good care of us. Always wanted our good, but look at the miracles of God, there was such a time when they died that we all could not even go to them in their last time of death 💀 Just heartbroken. Allah Ta'ala called them to Himself. May Allah Ta'ala reward them for their good deeds.
My mumani was so good that she used to tell me every little and big thing. If she brought clothes from the market, she would also show it. Even if she used to make jewelery and ornaments, she used to show that how is it? She was happy to show everything and also used to see everything about me. Market used to share house, food items, everything.
She has always given me love and affection. Helped on my time, but her last sight was not even written in my destiny. I could not do anything for her and she left this world very silently to enter in to the another world forever.
Friends, death is a reality and the God has fixed one day for everyone that he has to go out of the world on that day, then no one can do anything, any tricks will not be effective at that time, even knowing this reality We understand that we will always be alive but one day everyone has to go on time and knowing this fact, then we should help the people in trouble in their last moment, we should not leave them alone and helpless.
Friends it is said that when a person suffocates, the first thing to start is with the feet so that the person cannot run away and lastly, the breath comes out of the eyes so that the person can see his soul going, feel his helplessness. .
By the order of Allah Ta'ala, death angle comes and takes away the soul of a person from his body. It is said that at that time a person suffers a lot. According to the religion of Islam, Allah Ta'ala has ordered Hazrat Israel Alaihis Salam to constipate the soul of every prisoner. It is said that a person suffers a lot when soul is released. May Allah Almighty ease the destination of death for all of us. When we run out of breath, then the devil could not mislead us and at the last moment, the kalma should come out of our tongue. May Allah forgive our every word, every sin and give us a place in paradise, save us from the darkness and horrible situations of grave. Amen!!!!
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